- 1969 इंटरनेट अमेरिकी रक्षा विभाग के द्वारा UCLA के तथा स्टैनफोर्ड अनुसंधान संस्थान कंप्यूटर्स का नेटवकिर्ंग करके इंटरनेट की संरचना की गर्इ। शुरू में इसे अर्पानेट (ARPANET) कहा गया। अमेरिका रक्षा विभाग ने सैन्य एवं नागरिक अनुसंधानकर्ताओं को रक्षा योजनाओं के बारे में सूचनाएँ भिजवाने के लिए इसकी स्थापना की।
- 1979 में ब्रिटिश डाकघर ने पहला अंतरराष्ट्रीय कंप्यूटर नेटवर्क बना कर नर्इ प्रौद्योगिकी का उपयोग करना आरम्भ किया।
- 1980 में बिल गेट्स का आर्इबीएम के कंप्यूटर्स पर एक माइक्रोसॉफ्ट अॉपरेटिंग सिस्टम लगाने के लिए सौदा हुआ।
- 1983 में अर्पानेट को दो नेटवर्कों में बँट गया, जो आपस में जुड़ हुए थे - अर्पानेट और मिलनेट (MILNET)। यहीं से इंटरनेट की औपचारिक शुरूआत मानी जाती है।
- 1984 एप्पल ने पहली बार फाइलों और फोल्डरों, ड्रॉप डाउन मेनू, माउस, ग्राफिक्स का प्रयोग आदि से युक्त आधुनिक सफल कम्प्यूटर लांच किया।
- आरम्भिक काल में इंटरनेट का उपयोग केवल सेना से सम्बन्धित अनुसंघानों तथा क्रियाकलापों के लिए ही स्वीकृत था लेकिन 1986 में NSFNET(National Science Foundation Network) नामक एक नेटवर्क इंटरनेट से सम्बद्ध हो गया और धीरे-धीरे इसने दुनिया भर के लिए अपने द्वार खोल दिए।
- 1989 टिम बेर्नर ली ने इंटरनेट पर संचार को सरल बनाने के लिए ब्राउजरों, पन्नों और लिंक का उपयोग कर के वल्र्ड वाइड वेब बनाया।
- 1996 गूगल ने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में एक अनुसंधान परियोजना शुरू किया जो कि दो साल बाद औपचारिक रूप से काम करने लगा। · 2009 डॉ स्टीफन वोल्फरैम ने वाल्फैरम अल्फा लांच किया।
- भारत में अंतरजाल 80 के दशक मे आया, जब एर्नेट (educational & research network) को सरकार, इलेक्ट्रानिकस विभाग और संयुक्त राष्ट्र उन्नति कार्यक्रम (UNDP)की ओर से प्रोत्साहन मिला तथा सामान्य उपयोग के लिये जाल 15 अगस्त 1995 से उपलब्ध हुआ, जब विदेश सचांर निगम सीमित (VSNL) ने गेटवे सर्विस शुरू की।
- अन्य वर्गीकरण
- 1972
- इंटरनेट वर्किंग ग्रुप (INWG) बढ़ते नेटवर्क के लिए मानक बनाने के लिए बनाया गया इसका प्रथम अध्यक्ष विंटन सर्फ (Vinton Cerf) को बनाया गया जिन्हें कि आगे जाकर इंटरनेट का पितामह कहा गया|1973अमेरिका से बाहर लंदन स्थित यूनिवर्सिटी कॉलेज तथा नार्वे स्थित रॉयल रडार संस्थान के कंप्यूटर ARPANET से जोड़े गए|1974 से 1981ARPANET सैन्य रिसर्च से बाहर आया तथा सामान्य लोगों को इसी अवधि में यह पता लगा कि कंप्यूटर नेटवर्क का आम जीवन में किस प्रकार का उपयोग संभव है|1974TELNET का विकास हुआ तथा अरपानेट का वाणिज्यिक उपयोग संभव हुआ1975स्टोर एवं फॉरवर्ड प्रकार के नेटवर्क बनाए गए ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ ने पहली बार ईमेल भेजा1976यू यू सी पी (Unix to Unix Copy) AT&T Bell Laboratory द्वारा विकसित किया गया जिसे कि बाद में यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ बेचा गया1977UUCP का उपयोग करते हुए THEORYNET बनाया गया जिसके द्वारा 100 से अधिक रिसर्च कार्य में लगी वैज्ञानिकों को ईमेल की सुविधा उपलब्ध कराई गई|1979DUKE विश्वविद्यालय के Tom Truscott व Jim Ellis तथा नॉर्थ कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के Steev Velowin ने प्रथम यूज़नेट न्यूज़ ग्रुप बनाया| इस न्यूज़ ग्रुप में कोई भी भाग लेकर धर्म राजनीति विज्ञान तथा अन्य किसी भी विषय के संबंध में आपस में चर्चा कर सकते थे|1981अरपानेट के 213 होस्ट कंप्यूटर हो गए थे तथा औसतन लगभग 20 दिनों बाद एक HOST कंप्यूटर जुड़ने लगा1982 से 1987इसी अवधि में इंटरनेट शब्द का प्रयोग अरपानेट के स्थान पर हुआ तथा Vinton Cerf तथा Bob Kahn ने इंटरनेट से जुड़े समस्त कंप्यूटरों के लिए एक समान प्रोटोकॉल का विकास किया जिससे कंप्यूटर सरलता से सूचना का आदान प्रदान कर सके| लगभग इसी समय पर्सनल कंप्यूटर व अन्य सस्ते कंप्यूटर का विकास हुआ| जिसके फलस्वरुप इंटरनेट का अधिक तेजी से विकास हुआ|1982समस्त इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के लिए एक समान प्रोटोकॉल टीसीपी आईपी (ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल/इंटरनेट प्रोटोकॉल) का विकास हुआ| इंटरनेट नाम पहली बार प्रयुक्त किया गया|1983ARPANET दो भागों में मिली नेट तथा ARPANET में विभक्त किया गया|1984
- डोमेन नेम सर्वर प्रणाली का विकास किया गया|
- JUNET (जापान यूनिक्स नेटवर्क) UUCP का उपयोग करते हुए बनाया गया|
- इंटरनेट के होस्ट कंप्यूटरों की संख्या 1000 से ऊपर हो गई |
- पहली बार साइबरस्पेस का नाम इंटरनेट को दिया गया|
1986NSFNET व FREENET का विकास हुआ1987इंटरनेट होस्ट कंप्यूटर की संख्या 10000 से अधिक हो गई UUNET निर्मित किया गया| जिससे कि यू यू सी पी और यूज़नेट का वाणिज्यिक उपयोग आरंभ हुआ1988 से 1990इस अवधि में एक संचार माध्यम के रूप में इंटरनेट को माना जाने लगा| साथ ही सूचना के सुरक्षित आदान प्रदान व कंप्यूटर सुरक्षा पर भी उपयोगकर्ताओं ने ध्यान देना आरंभ किया| क्योंकि इसी अवधि में एक कंप्यूटर प्रोग्राम “Internet Worm” ने इंटरनेट से जुड़े लगभग 6000 कंप्यूटरों को अस्थाई रूप से अनुपयोगी बना दिया था|1988इंटरनेट व कंप्यूटर प्रोग्राम में इंटरनेट से जुड़े 6000 कंप्यूटरों को अस्थाई रुप से निष्क्रिय बना दिया| कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम कंप्यूटर नेटवर्क सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए बनाई गई|1989इंटरनेट से जुड़े कंप्यूटरों की संख्या एक लाख से ऊपर हो गई| BITNET तथा CSNET को मिलाकर कॉरपोरेशन फॉर रिसर्च एंड एजुकेशन नेटवर्किंग बनाया गया|1990अरपानेट को समाप्त कर दिया गया तथा नेटवर्क ऑफ नेटवर्क्स के रूप में इंटरनेट शेष रहा| जिसके की होस्ट कंप्यूटर की संख्या 300000 हो गई| पीटर डयुश, एलन एक्टेज व बिल हौलन ने ARCHIE को जारी किया| जिससे कि इंटरनेट के कंप्यूटरों पर उपलब्ध सामग्री को आसानी से प्राप्त किया जाने लगा1991 से 1993यही वह अवधि थी जिसमें कि इंटरनेट में सर्वाधिक ऊंचाइयों को छुआ| इंटरनेट का वाणिज्यिक उपयोग काफी बढ़ गया|1991- GOPHER को पॉल लिनडर व मार्क मैकहिल ने विकसित कर जारी किया|
- वाइड एरिया इंफॉर्मेशन सरवर का विकास हुआ|
- इंटरनेट पर प्रतिमा डाटा आदान प्रदान करने की मात्रा के लिए ट्रिलियन बाइट से भी अधिक हो गई|
1992- इंटरनेट पर ऑडियो वीडियो को भेजा जाना संभव हुआ|
- इंटरनेट सोसाइटी की स्थापना हुई|
- वर्ल्ड वाइड वेब को टिम बर्नर्स ली ने विकसित किया|
- एक लाख से अधिक होस्ट कंप्यूटर इंटरनेट से जुड़ गए|
1993- MOSAIC नामक पहला ग्राफिक आधारित वेब ब्राउज़र विकसित किया गया|
- INTERNIC का गठन इंटरनेट संबंधित सर्विस को एकरूपता प्रदान करने व उनका प्रबंधन करने के उद्देश्य से किया गया|
1994 से 1998- लगभग 40 मिलियन उपयोगकर्ता इंटरनेट से जुड़ गए तथा इंटरनेट युग का सूत्रपात इसी अवधि में हुआ|
- इंटरनेट शॉपिंग का आरंभ हुआ|
- विज्ञापनदाताओं ने इंटरनेट पर विज्ञापन देने आरंभ किए|
1995- NSFNET पुनः रिसर्च कार्यों तक सीमित हो गया|
- सन माइक्रोसिस्टम में इंटरनेट प्रोग्रामिंग भाषा जावा का विकास किया|
1996- इंटरनेट से जुड़े कंप्यूटरों की संख्या 10 मिलियन से अधिक हो गई|
- 150 से अधिक देशों को कंप्यूटर इंटरनेट से जुड़ गए|
1997इंटरनेट में आम आदमियों के बीच अपनी पहचान बना ली तथा इसके बिना जिंदगी अधूरी सी प्रतीत होने लगी|1998- भारत में प्रत्येक स्थान पर इंटरनेट को पहुंचाने का प्रयास आरंभ हुआ|
- नेशनल इन्फार्मेटिक्स पॉलिसी बनाई गई|
1999 से अब तकअब इसमें अनेक संशोधन करके इसको और सरल बनाया गया| परिणाम यह निकला कि इस नेटवर्क के लिए एक मानक सुनिश्चित करके असैन्य कंपनियों के प्रयोग के लिए खोल दिया गया तथा अब इसमें सभी प्रकार की सूचनाओं को भी जोड़ा गया| इस प्रकार एक विस्तृत नेटवर्क का जन्म हुआ जिसे हम आज इंटरनेट के नाम से जानते हैं|
बाजारवाद की अंधी दौड़ ने समाज-जीवन के हर क्षेत्र को अपनी गिरफ्त में ले लिया है, खासकर, पत्रकारिता सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान पत्रकारिता ने जन-जागरण में अहम भूमिका निभाई थी लेकिन आज यह जनसरोकारों की बजाय पूंजी व सत्ता का उपक्रम बनकर रह गई है। मीडिया दिन-प्रतिदिन जनता से दूर हो रही है। यह चिंता का विषय है। आज पूंजीवादी मीडिया के बरक्स वैकल्पिक मीडिया की जरूरत रेखांकित हो रही है, जो दबावों और प्रभावों से मुक्त हो। विचार पंचायत इसी दिशा में एक सक्रिय पहल है।
सोमवार, 6 अगस्त 2018
इंटरनेट का इतिहास
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