देश को आगे ले जाना है,, इकोनामिक ग्रोथ होना चाहिये,,,
प्रणब दादा जी बतायें,, देश जनता से और जनता देश से होती है,,,
जनता भूखी रहेगी तो देश कैसे आगे बढ़ेगा,, किसकी ग्रोथ का बजट है???
यह महंगायी जो हम झेल रहे हैं वह भी पेट्रोल की कीमत 2रु. बढ़्नें से चालू हुयी थी ,,
आज बजट में फिर 2.65 रु. पेट्रोल पर बढ़ा दिये गये हैं,, अब कीमतें और बढ़ेंगी.. ...
बाजारवाद की अंधी दौड़ ने समाज-जीवन के हर क्षेत्र को अपनी गिरफ्त में ले लिया है, खासकर, पत्रकारिता सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान पत्रकारिता ने जन-जागरण में अहम भूमिका निभाई थी लेकिन आज यह जनसरोकारों की बजाय पूंजी व सत्ता का उपक्रम बनकर रह गई है। मीडिया दिन-प्रतिदिन जनता से दूर हो रही है। यह चिंता का विषय है। आज पूंजीवादी मीडिया के बरक्स वैकल्पिक मीडिया की जरूरत रेखांकित हो रही है, जो दबावों और प्रभावों से मुक्त हो। विचार पंचायत इसी दिशा में एक सक्रिय पहल है।
गुरुवार, 4 मार्च 2010
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