इंटरनेट पर समाचारों का प्रकाशन या आदान-प्रदान इंटरनेट पत्रकारिता कहलाता है। इंटरनेट पत्रकारिता दो रूपों में होती है। प्रथम-समाचार संप्रेषण के लिए नेट का प्रयोग करना । दूसरा- रिपोर्टर अपने समाचार कोई-मेल द्वारा अन्यत्र भेजने व समाचार को संकलित करने तथा उसकी सत्यता,विश्वसनीयता सिद्ध करने तथा उसकी सत्यता, विश्वसनीयता सिद्ध करने के लिएकरता है।
इंटरनेट पत्रकारिता का इतिहास:
विश्व-स्तर पर इंटरनेट पत्रकारिता का विकास निम्नलिखित चरणों में हुआ-
(१) प्रथम चरण------- १९८२ से १९९२
(२) द्वितीय चरण------- १९९३ से २००१
(३) तृतीय चरण------- २००२ से अब तक
भारत में इंटरनेट पत्रकारिता का पहला चरण १९९३ से तथा दूसरा चरण २००३ सेशुरू माना जाता है। भारत में सच्चे अर्थों में वेब पत्रकारिता करने वाली साइटें ’रीडिफ़डॉट कॉम’, इंडिया इफ़ोलाइन’ व ’सीफ़ी’ हैं । रीडिफ़ को भारत की पहली साइट कहाजाता है । वेब साइट पर विशुद्ध पत्रकारिता शुरू करने का श्रेय ’तहलका डॉट्कॉम’को जाता है।
हिंदी में नेट पत्रकारिता ’वेब दुनिया’ के साथ शुरू हुई। यह हिन्दी का संपूर्ण पोर्टल है। प्रभा साक्षी नाम का अखबार प्रिंट रूप में न होकर सिर्फ़ नेट पर ही उपलब्ध है।आज पत्रकारिता के लिहाज से हिन्दी की सर्व श्रेष्ठ साइट बीबीसी की है, जो इंटरनेटके मानदंडों के अनुसार चल रही है। हिन्दी वेब जगत में ’अनुभूति’, अभिव्यक्ति,हिन्दी नेस्ट, सराय आदि साहित्यिक पत्रिकाएँ भी अच्छा काम कर रही हैं। अभीहिन्दी वेब जगत की सबसे बडी़ समस्या मानक की बोर्ड तथा फ़ोंट की है । डायनमिक फ़ौंट के अभाव के कारण हिन्दी की ज्यादातर साइटें खुलती ही नहीं हैं ।
आधुनिक युग में
इंटरनेट पत्रकारिता ने सूचना संप्रेषण के क्षेत्र में क्रांति ला दी है। इंटरनेट
आज सूचना प्रौद्योगिकी का केंद्र बिंदु बन गया है। इंटरनेट के माध्यम से प्रदान
किए जाने वाले समाचारों को इंटरनेट पत्रकारिता कहा जाता है। वर्तमान समय में आज
प्रत्येक समाचार पत्र रेडियो, इलेक्ट्रानिक मीडिया चैनल, समाचार
एजेंसियों की
अपनी
वेबसाइटें हैं, जिनमें
हम न केवल देश-विदेश की खबरें पढ़ सकते हैं, बल्कि हर मिनट के बाद हर ताजा घटना
की आसानी से जानकारी ले सकते हैं। इंटरनेट जर्नलिज्म के इस युग में यदि हम पूरे
विश्व को ‘ग्लोबल
विलेज’ कहें तो
कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। क्योंकि इंटरनेट के माध्यम से हम 365 दिनों
में हर मिनट के बाद देश-विदेश की ताजा घटना की निरंतर जानकारी हासिल कर सकते हैं।
इस दोहरे संचार के माध्यम से मीडिया लोगांे की किसी मुद्दे पर तुरंत फीडबैक भी
प्राप्त कर सकती है।
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