खास रिपोर्टिंग में खोजपरक (इन्वेस्टिगेटिव) रिपोर्टिंग सबसे चुनौती भरा काम है। इसके जरिए रिपोर्टर पर्दे के पीछे की असली कहानी लोगों के सामने लाता है। इसमें सार्वजनिक जगहों, संस्थाओं में जारी भ्रष्टाचार या ऐसे मामले आते हैं, जिसमें ज्यादा लोगों की रूचि हो। आमतौर पर इसमें सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक अपराध और विकास से जुड़े मामले शामिल होते हैं।
दूसरी रिपोर्टिंग से इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग इस मायने में भी अलग है, क्योंकि इसमें परिस्थितियां अलग होती हैं। सब कुछ गुपचुप होता रहता है और आरोपी की कोशिश होती है कि वो कोई सबूत नहीं छोड़े। इसमें सवाल पूछने का तरीका भी अलग होता है। खबर निकालनी हो, तो आरोपी से सीधे नही पूछ सकते कि आप घूस लेते हैं या नहीं।
इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग में आम रिपोर्टिंग से ज्यादा समय, संसाधन और ताकत खर्च करनी पड़ती है। क्योंकि जरूरी नहीं है कि एक या दो बार की कोशिश में ही रिपोर्टर पूरी खबर निकाल लाए। साथ ही इसमें सारी जानकारी रिकॉर्ड करनी पड़ती है, ताकि सबूत पुख्ता हों।
संदर्भ
http://www.newswriters.in/2015/12/15/types-of-television-reporting/
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